1सोशल मीडिया.....देखा जाए तो आपकी दिनचर्या और आपके भीतर चल रहे,सवालों और बदलावों का आईना भी होते हैं। उसी में एक है बार- बार या लगभग रोज ही अपनी स्टेटस प्रोफाइल पिक्चर बदलना।वो भी तब ....जब आप स्वयं को बहुत व्यस्त दिखाते हों। जो कि, यह दर्शाता है कि आप अपने व्यक्तित्व को किसी खास उद्देश्य से ही दिखाना चाहते हैं। ...उद्देश्य तो देखने वाला समझ ही जाता है। एक तरह से सोशल साइट्स आपकी हरकतों की पोल खोलते रहते हैं।
2 जब कोई किसी को काल करता है तो वह सुकून चाहता है. पर जब कोई किसी. के लिए कुछ लिखता है तो अपने आप को लिखता है
3 आज एक बात और सीखी मैंने सच बर्दाश्त करना मुश्किल होता है.जबकि झूठ के साथ ऐसा नहीं है उसमें पाचक रस बहुत होता है बातों को बहुत जल्दी पच जाता है. किसी सच्चे इंसान से पूछो कि झूठ को निकलना भी कितना मुश्किल होता है
4 सब कुछ वक्त पर छोड़ देने से वक्त बदल नहीं जाता,बदलना पड़ता है
5 जब कोई पास रहने वाला दूर होने लगता है तब उसकी करीबी का हमे पता चलता है।किसी की मौजूदगी जब आपको अपने होश में न रहने दे तब आप होश में आना भी नहीं चाहते...न ही उस बेहोशी के कारण को अपने से दूर करना चाहते हैं। इसे सिर्फ प्यार ही कह देना काफी नहीं है
6 रोज ही टहलती हूँ कितने घण्टों...फिर भी सेहत फूली फूली है.....सुबह सुबह कितने सारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नियमित टहलना कोई मज़ाक है क्या अंगूठों की इतनी एक्सर्साइज हो जाती है आँखे भी दर्द होने लगती हैं...कभी कभी तो इतना टाईम तक टहलती रहती हूँ कि उल्टी सी महसूस होने लगती है....फिर भी माँ का रोज का रोना मैं कुछ करती ही नहीं
7 गला नहीं काट पाया ये चाकू लगता है इसकी एक्सपायर डेट हो गई है
8 एक साधारण सा दिखने वाला सिंदूर किसी की माँग में पड़कर सौभाग्य बन जाता है। इस सिंदूर की एक चुटकी में काल को भी परास्त कर देने की शक्ति कैसे आ जाती है कोई समझ नहीं पाता
9 एक साधारण सा दिखने वाला सिंदूर किसी की माँग में पड़कर सौभाग्य बन जाता है। इस सिंदूर की एक चुटकी में काल को भी परास्त कर देने की शक्ति कैसे आ जाती है कोई समझ नहीं पाता
10 दो धारी चाकू जैसी हूँ मुझसे आप सब्जियां नहीं काट सकते
11 नहीं बने रहना मुझे इस भीड़ का हिस्सा ये भीड़ ही नहीं मेरी राह के पहाड़ो की झुंड है
12 काश कोई ऐसा.....मेरा हो जो मेरे बारे में ही सोंचे....ऐसा ही रहे तो मुझे भी सिर्फ उसी के बारे में सोचना होगा
13 वो जो मुझसे मिलने के हज़ारो बहाने ढूंढ लेते थे,आज न मिलने के बहाने ढूंढते हैं
14 दिल का ये खाली कोना भरना आसान नहीं है उस कोने मे फिट होने वाला दुबारा मिले यह जरूरी भी तो नहीं
15 कुछ ज्यादा चाहत नहीं थी मेरी बस इतनी ही थी कि जब भी तैयार होऊँ तो तुम्हारे बारे मे ही सोचूँ...तुम्हारी पहली नजर पड़े मुझपर और तुम्हारी आँखों में वही चमक देखूँ जो पहली बार देखा था.
16 विश्वास हमेशा अंधा ही होता है पर लोग हमे यह जरूर एहसास करा देते हैं कि हम अंधे नहीं हँ
17 बिखरा हूं यहाँ- वहाँ जिंदगी की किताब से अलग-थलग....ये पन्ने वो हैं जिनपर कुछ लिखा ही नहीं गया...इतने सालों से जुड़े रहे किताब से ....
18 जीत निश्चित करनी है तो हारना नहीं है
19 स्याही उतरती है पन्नों पर कभी कविता बनके कभी कहानी बनके...कुछ रह जाता है जब भी तू जाता है....वही उतरती है अधूरी बात पन्नों पर ज़ज्बात बनके
20 जब हम किसी बात के लिए रुपये अदा करने लगते हैं तब आपस के संबंध व्यावसायिक हो जाते हैं
21 बादल ये रास्ते ये हवा
22 एक शिक्षक का मौन समाज को मूक कर सकता है....सूर्य को बादल कितनी देर तक छुपा सकते हैं
23 आपके साथ वक्त बीते ये मेरी हसरत नहीं...जिंदगी बिताना हो तो बात करना
24 अपने चेहरे पर आंखें अपनी नाक ही हल्की सी देख पातीं है क्योंकि नाक ही चेहरे पर ऊँची उठी रहती है इन्हें ऊँचा ही रहना चाहिए
25 बोलती हैं ...कुछ कहती हैं ये इमारतें ....जो छोड़ गए अपने पीछे ढेरों कहानियाँ
26 रात तो अपनी है...क्योंकि ये भी तो अकेली है
27 रंगोली एक ऐसी बना दो तुम मेरे तन मन पर जो तुम ही देख सको
28 उस माँ को अपने बेटे में एक पुरुष दिखाई दिया
29 बहुत सी जागीर खरीद रखी होंगी तुमने मेरा दिल कोई जागीर नहीं मेरा दिल है जो बिकता नहीं लुट जाएगा कोई मन का मीत पाकर
30 नए की परिभाषा ही यही है कि जो आपके पास उपलब्ध है उसे पुरानी कर देती है....नई चीजों का आकर्षण चंद दिनों का ही होता है....
31 जी भर कर रोए हुए इंसान की सिसकियाँ कई दिनों तक उसे याद दिलाती रहती हैं कि कोई है जिसके लिए वो जी भर कर रोया है....जिससे उसे बेइंतहा प्यार है
32 किताब ये कर्मों का है जरा सम्भाल कर रखना....कॉपी ये कर्मों की है जरा सम्भाल कर लिखना...क्योंकि वही तुम्हारी पूँजी होगी जो तुम जिंदगी भर लिखोगे
33 इंसान एक बार मुस्कुराना भूल जाए तो उसे अपना मुस्कराता चेहरा भी भूलने लगता है.....इसे उस तरीके का भूलना कह सकते हैं कि जो खुद के ही भीतर छुप जाती हैं जिसे हम ढूँढ नहीं पाते
34 लाइक पाने के लिए देना भी पड़ता है
35 आपके द्वारा बहुत सम्भल कर कही गई बात पर यदि कोई टेढ़ी मुस्कान के साथ हँस दे तो आपको पता चल जाना चाहिए कि आपकी बातों का वजन उसके लिए क्या है....
36 हर व्यक्ति अपने जीवन में लगभग हमेशा ही सामान्य व्यवहार ही करता है जबतक कि उसका बुरा करने का प्रयोजन पूर्व निश्चित न हो....यह तो मनुष्य का व्यवहार है...अच्छे के पीछे भले कुछ न हो पर बुरे के पीछे प्रयोजन अवश्य होता है
37 आपका शरीर कितना भारी है उससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता,भारी शरीर वाला भी हल्का इंसान हो सकता है..और हल्का इंसान भारी शरीर लेकर भी बहुत उड़ता है
38 किसी भी खेल के कुछ नियम होते हैं..पर वो खेलता है नियम से ही
39 शीशे की कदर उसके टूटने तक ही होती है...मेरी उड़ान देखकर लोग कैंची उठा लेते हैं
40 अब मुझे यह सच मे महसूस होता है कि हर रुलाने वाले की आंखें उसी दर्द में रोती हैं...जो दर्द उसने दूसरों को दिए होते हैं....बारी बारी से रोना रुलाना चलता रहता है...पर खुशी के समय या किसी के प्यार में पड़ जाने पर य़ह महसूस नहीं होता...क्योंकि उस समय तो दिल उड़ रहा होता है किसी की बाँह थामे...
41 खाली पन्ने भर देती है जिंदगी कोंपल पर उभर आती है मुस्कान न जाने मैंने कब से सोचना शुरू कर दिया था कि कि वह मिलेगा तो उसे दूंगी अब अब तक उसे दे नहीं भाई अब तक अगर 11 कार्ड लिखकर रखा होता तो इतने सारे कठोर बन जाते कि देखकर लगता है कि हां कोई तो इसे पढ़ने वाला की जितनी सारी चीजें लिखी हुई है जिंदगी तू ही दिन की होती है एक गलती एक आज है आने वाली जिंदगी का कोई पता नहीं होता कि वह मिलेगी नहीं मिलेगी क्या होगा क्या नहीं होगा जिन कभी सोचा है जब हम किसी से मिलते हैं तो वह हमें भूलता नहीं
42 कभी -कभी हमें कोई राह नहीं सूझती ...हम अपने बनाये रास्तों में खुद ही उलझ कर रह जाते हैं जिंदगी वह नहीं जिसे हम अपने हिसाब से अपनी जरुरतों को देखते हुए पूरा करना चाहते हैं यह किसी पेनड्राइव में सुरीले मनचाहे गाने भर लेने जैसा नहीं है यहाँ तो जिन्दगी रेडियो की तरह बजती है जहाँ जो गाने बजे उसे सुनकर आनंदित होना होता है या फिर चैनल बदल लेना होता है...आप कोई भी चैनल चलाओ पर उसके तो प्रोग्राम फिक्स होते हैं....कभी कभार ही आपका पसन्दीदा गाना बज सकता है हमेशा नहीं (जिंदगी के उतार चढ़ाव जैसे)
Dr. SANGITA
"KUCH BATE.....BIKHRI BIKHRI SI"
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