मन हमेशा उम्र से छोटा होता है।यह कभी भी भरता नहीं मरता नहीं बार- बार जी उठता है किसी की हल्की सी मुस्कान से.....

साथ तेरा फूलों की गलियां....उसमें तेरा ही आना- जाना

दिल की ताल बदल जाती है जब कोई मिलता है फिर ये दिल अपनी ताल भूल जाता है।ये सच है।

होता ही है ...आजकल लोग किसी से कुछ छुपाना चाहते हैं तो सबसे पहले उस व्यक्ति को फेसबुक और व्हाट्सएप के स्टेटस पर ब्लॉक करते हैं।

आप किसी के होकर रह सकते हैं... पर ,कोई आपका होकर रहे यह आपके हाथ मे नही।कभी भी ऐसी उम्मीद नहीं पालनी चाहिए।

जो आपका है वो आपके पास रहे न रहे पर जिसके आप हो उसके लिए आप हमेशा वही रहो।

जिसके लिए आप सबकुछ छोड़कर बैठे हो वो कब आपको ही छोड़ दे कहा नही जा सकता।ऐसा ही होता है जब हम हद से ज्यादा उम्मीद लगा बैठते हैं।

तुम एक मुलाकात की तारीख़ तो बता दो सारी उम्र भी तुम्हारा इंतजार कर लूँगी।

अंधेरों की शक्ल दिखाने वाले लोग बहुत मिलते हैं पर जो आपको उजाले से मिला दे वही सच्चा साथी है।ऐसे साथी बड़ी किस्मत से मिलते हैं और अपनी किस्मत को अपने हाथ से जाने देना मतलब अपने ही रब से मुँह मोड़ लेना होता है।

Where replacement is painful for one, it is full of happiness for the other.  One's happiness becomes the cause of other's misery unknowingly.

              -Dr. Sangita

बात रायते की तरफ फैल जाते हैं अश्क चेहरे पर फैल जाते हैं और रिश्ते काँच के चूरे से फैल जाते हैं। जिन्हें समेटने में हाथ का घायल होने लाजमी है।

किसी से इतना अटैच भी नही होना चाहिए कि वह अटैक दे दे

भावनाओं के बांध जबतक बंधे  हैं, इंसान बहुत मजबूत होता है।जैसे ही भावनाओं को कोई छू लेता है, इंसान कमजोर पड़ने लगता है।

ऐसी बांध बांध दो मेरे मनपर की कोई भी उफनाई नदी की वेगवती धारा भी तोड़ न सके।

तुम मेरे जीवन का पूर्णविराम हो।

चेहरा है मेरा घड़ी नही जो कि बारह बजते रहें ।

एक कसक हरदम रहेगी कि,क्या ऐसा पाना था मुझे जो मैंने खुद को खो दिया।

जब कोई किसी से दूर जाने लगे और सामने वाला उसे जाने दे रोकने की एक कोशिश भी न करे ...तो इसका मतलब साफ है कि वो चाहता था कि आप उससे दूर हो जाएं

शमी खुद से बातें करना बहुत पसंद करती है।आज भी कर रही है।...दिलों से मैल ये जाती नही है।इसीलिए होली लौट लौट आती रही है....आज भी मन बहुत उदास है ...जैसे उदासियों ने मेरे दिल में घर बनाना शुरू कर दिया है।आज जन्मदिन है, पर कोई उत्कंठा नही।हर साल कुछ न कुछ पोस्ट डालती ही हूँ।मन तो नही कि कुछ तकलीफें लिख डालूँ... मैं बहुत ही सकारात्मक रही हूँ हमेशा पर....कितने दिनों तक बिस्तर पर अधिकतर समय लेटे रहना... कराहते रहना ....मेरा यह पहला अनुभव रहा कि जब मेरे पास मेरी केयर करने के लिए लोग थे, कुछ होकर भी नही थे और जिनसे पास रहने की उम्मीद थी उनसे तो अब कोई उम्मीद ही नही बची।ये कुछ दिन मेरे लिए बहुत तकलीफ देय और सिखाने वाले रहे...लोग कहते हैं कि मैं बहुत खूबसूरत हूँ.... लोगों का नजरिया मेरे प्रति मुझे कुछ अलग ही दिखता है।पर...सच्चाई हमेशा कुछ अलग ही होती है सभी की...  यह शरीर अगर बीमार होता है तो एक बोझ बन जाता है और जिनके पास धन न हो  उनकी तो दुर्गति तय है।

      हम अक्सर देखते हैं कि जब हम खुश होते हैं तब बहुत से लोग बेवजह हमसे जुड़ जाते हैं... हमें लगता है कि हम कितने समृद्ध हैं रिश्तों के मामले में.... पर ऐसा नही होता.. जिन्होंने रिश्तों की दौलत कमाई है वही असल में अमीर हैं।मेरे पापा मेरे लिए बहुत परेशान रहते थे ...शायद वह खुद को कसूरवार मानते थे...पर मुझे ऐसा नही लगता।जब वो रहे मुझे लगता था कि मेरे पास आसमान है जो मुझे हर बला से बचा लेगा ...पर अब सर पर आसमान ही नही लगता।अब माँ हैं वो भी बेवश हैं पर उनकी गोद में सर रखते ही दुनिया पूरी होने लगती है उनके हाथों का स्पर्श दर्द से बाहर खीचने लगता है।वो स्पर्श जिसे मैंने बहुत याद किया ...पर ऐसा कोई नही था जो सर को सहलाते हुए बालों को समेटते हुए...आँसू पोछते हुए यह कह सके कि मैं तुम्हारे पास हूँ... और मैं उसके गले से लगकर रो पडूँ.... और भीतर की जमी राख धुल जाएकाश कोई ऐसा जन्मदिन आए...

बहुत जरूरी है मेरे लिए एक नई शुरुआत करना... नही तो मैं शायद घुटती रहूँ....और मैं कोई इतनी कमजोर तो नहीं 🎂मेरे जन्मदिन की मुझे बहुत बहुत शुभकामनाएं... मैं उनसे दूर रहूँ जो मुझसे दूर हैं

बाद बारिश का शोर है, भीतर बारिश की गूंज है

किसी की बातों को इतना भी दिल से लगाकर नही रखना चाहिए कि दिल में कुछ और रखने की जगह ही न बचे

जब हमारे पास जबान है ,होठ है ,जीभ है ,वाणी के स्वर के हर साधन होते हुए भी जब हम जो कहना चाहें वह न कह पाएँ तो एक गूँगे और हमे कोई फर्क नही होता ।

जो अपनी जबान पर टिकना जानते हैं वो किसी भी हालात में बिकना नही जानते

अगर कोई किसी से दूरी बनाने की सोच भी ले तो उससे दूर हो जाना ही बेहतर है।पर ,दूर होने का मतलब भूल जाना नही होता।किसी के साथ न होकर भी साथ रहना ,यही तो सच्चा साथ है।वरना हमारे आस-पास बहुत से लोग रहते हैं पर हर कोई सुबह आंख खुलते और रात में सोने से पहले याद नही आता।जो याद आता है सोने से पहले वो कितना खास होता है,इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रात में सोना और मरना एक ही समझा जाता है, और मरने से पहले जिसे हम अपने ख्यालों में लेकर मरना भी चाहते हैं उसे अपने ख्यालों में बसा कर चलते हैं।ऐसा इंसान कितना विशेष हो सकता है किसी के लिए,इसे शब्दों में बयाँ नही किया जा सकता।और, ऐसे इंसान का कोई दिल तोड़ दे तो क्या उसे ईश्वर माफ कर सकता है..?यह सोच कर उसका ख्याल जरूर रखना चाहिए....-sangita

हम किसी एक शख्स से अक्सर लड़ते हैं और तबतक लड़ते हैं जब तक उस इंसान से हमे अपने लिए प्यार की उम्मीद होती है ,ये उम्मीद जब खत्म हो जाती है तो लड़ना, रूठना,शिकायत सब खत्म हो जाता है।लाइफ में कोई एक ऐसा जरूर होना चाहिए जिससे हम लड़ सकें, शिकायत भी कर सकें, फिर माफी माँगकर मना भी सकें।

-संगीता

किसी को इतना इग्नोर नही किया जाता है कि वो आपके बिना ही जीना सीख जाए

समय समय पर हमें अपना आकलन करते रहना चाहिए कि हमारे आस पास नकारात्मक सोच वालों की भीड़ न जमने लगे,क्योंकि सकारात्मक सोच को बहुत संघर्ष करना पड़ता है नकारात्मक ऊर्जा के चंगुल से बाहर निकलने में

इंसान सोचता है कि उसने बहुत कुछ सीख लिया है दूसरों के मुकाबले।पर, जैसे ही वह अपनों के बीच से होकर गुजरता है, एक नया अध्याय खुल जाता है।जिसके पन्ने तो उसने कभी पलटे ही न थे।बार-बार उसे एहसास होता है कि अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।जीवन की असली पढ़ाई तो डिग्रियां पाने के बाद शुरू होती है।इंसान जीवन भर पढ़ता और सीखता रहता है।जीवन की पढ़ाई में डिग्रियां उसके सही निर्णयऔर लोगों की पहचान ही होते हैं।जब इंसान पहचान करना सीख जाता है तब वह पास भी होने लगता है।

         कुछ बातें जो कह सकते(some things that can be said)                                               - संगीता

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