पिंजरे में रहना किसको पसंद है..?किसी को नहीं।कोई नहीं चाहता कि वह पिंजरे में कैद रहे,पर कभी-कभी हम अपने आप को खुद में ही कैद करके रखते हैं । इस तरह से कैद करके रखते हैं कि हम बाहर आने के लिए तड़पते हैं और पिंजरे की सलाखें पतले धागे जितनी कमजोर होते हुए भी तोड़ नहीं पाते।बहुत ही कमजोर होती है उसकी सलाखें कोई भी हल्के से दबाव से तोड़ सकता है पर वह टूटा नहीं । पता नहीं क्यों लगता है कि सब तोड़ ताड़ करके सब बाहर निकल जाओ । पर एक पल के लिए यही सोचती हूं कि बाहर क्या मिलना है...?आकाश...यह दूर तलक पहले धरती अपना मन,अपने नदी,अपने किनारे,अपने घर में अपने आंगन की चिड़िया.... सब कुछ तो अपना रहे हो फिर किसी और की जरूरत को कैसे पूरी होगी वह तो कहीं ऐसे नहीं मिलने की कहानी फिल्मों की तरह कहीं वह मिल जाए कहीं भी भटक जाए.....जैसा की फिल्मों में होता है कि हीरो जो है अचानक हीरोइन के सामने आ जाता है यही हीरोइन करते उलझ कर हीरो के गोद में आ जाती हैl ऐसे दृश्य और ऐसे वाक्य रियल लाइफ में नहीं होते रियल लाइफ बहुत ही रियल होती हैl इतनी रियल होती है कि जहां हमारी कल्पनाएं काम नहीं करती हैं वहां वही हो रहा होता है जो पहले से तय है या हमारे कार्य व्यवहार और परिस्थितियों के अनुसार चलता रहता हैl हम उसी में ढल कर रह जाते हैं माया अपने आप को रवि से दूर करना चाहती थी वह इतना दूर करना चाहती थी कि रवि उसकी जिंदगी में फिर से दखल ना दे सके पर रवि माया को बेइंतेहा प्यार करता थाl इतना प्यार करता था कि उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता थाl रवि ने कभी नहीं सोचा था कि माया उससे दूर जाना चाहेगी कभी भी नहीं सोचा था कि माया उसे देखना नहीं चाहती lमाया को जाना था माया को जाने दिया उसने उसे रोका नहीं क्यों नहीं रोका यह वह नहीं जानता पर माया को उसने रोका नहीं और माया रुकी नहींl क्योंकि माया बहुत पहले जा चुकी थी उसकी लाइफ से और जो इंसान हंस कर चला जाता है उसे रो कर भी वापस नहीं लाया जा सकताl यह दुनिया का दस्तूर हैlकोई मुस्कुरा कर कर चला गया किसी ने अलविदा किया और आप खड़े देखते रहे उसे जब रोकना था तब उसे नहीं रोका जब उसे सब कुछ करके मना लेना था तब आपने नहीं कियाl फिर आज उसके जाने पर यह दुख यह तकलीफ कैसी नहीं होनी चाहिए ऐसा रवि घंटे क्लब में बैठे सोचता रहा क्लब में माया ने उसकी दी हुई रिंग वापस कर दी क्या रिंग वापस कर देने से संबंध भी वह वक्त भी सब कुछ वापस हो जाता है?क्या सब कुछ वापस हो सकता है ?रवि भी जानता है और माया भी जानते हैं फिर भी रवि ने माया को कभी प्यार करना नहीं छोड़ा
...कभी नहींl रवि आज भी उससे बहुत प्यार करता है लेकिन रवि की कुछ गलतिया माया को अंदर तक ही लगेl मैंने कभी सोचा नहीं था कि रवि उसके साथ ऐसा करेगा इस दुनिया में धंधे करने वाली औरतें बहुत होती हैंl बहुत ....जो धंधा करती हैl क्योंकि इसमें उनका कोई अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता नहीं होती हैlअपने शरीर की पूंजी को ही वह इन्वेस्ट करती रहती है,उनकी मजबूरियां उनके पास जीने की समस्या और घर वालों को पुनः पाना आसान नहीं होता l घर वालों का ठुकरा देना प्रेम में पड़कर अधिकतर लड़कियां प्रेम में पड़कर प्रेमी के साथ भाग जाती है और भाग कर वह वहां पहुंचती है जहां उन्हें कभी नहीं होना चाहिएlऐसी औरतें क्या करेंगे उन्हें कोई नहीं अपनाताl हर कोई मुफ़्त की वस्तु समझ कर बस को भोग करना चाहता हैl वह कैसे रहती है....क्या कभी सोचा है?लेकिन रवि ने एक प्रॉस्टिट्यूट की मदद की थी वह प्रॉस्टिट्यूट जो है जिसके कस्टमर ने उसको पैसा देने से इनकार कर दिया था पर इसका भरपूर इस्तेमाल किया था वह पैसे नहीं दे रहा था उसे प्रॉस्टिट्यूट में अपने कस्टमर को धमकी दी थी कि मैं तुमसे पैसे वापस लेकर रहूंगी रवि उसे प्रॉस्टिट्यूट को इसलिए जानता था क्योंकि वह उसकी दोस्त थी बहुत पहले बचपन में वह उसकी दोस्ती थी उसे कभी नहीं पता था कि वह इस प्रकार से जो है उसके सामने आएगी कभी और वह अचानक से कैसे सामने आ गई है अभी भी नहीं जान सका....कि क्या हुआ कैसे हुआ उसने उसकी मदद की मदद करने में उसने माया को ध्यान में नहीं रखा माया रवि से बेइंतहा प्यार करती हैlउसने यह समझा कि रवि के संबंध माया से ही नहीं बहुत सारी लड़कियों से क्योंकि प्रॉस्टिट्यूट के पास जाना कोई आम बात नहीं पर वह रवि की सच्चाई को नहीं जानती थी इसमें सच्चाई नहीं थी हालांकि माया भी अपनी जगह पर गलत नहीं थी रवि और उसकी दोस्त में अनजाने से इसलिए संबंध स्थापित हो चुका थाl वह उसे पूरी तरह चाहता तो नहीं था पर वह लड़की उसे चाहने लगी थी और परिस्थितियों ने ऐसा चक्र चलाया की दोनों एक होना पड़ाl रवि ने माया से छुपा कर रखा था लेकिन माया के सामने जैसे ही उसकी सच्चाई आई फिर सब कुछ बिखर कर रह गयाl यह क्या था ....यह सच था या झूठ था यह कोई मायने नहीं रखता l यहां देखा जाए तो बर्बाद कौन हुआ वह लड़का भी वह लड़की भी और वह प्रॉस्टिट्यूट भी lप्रॉस्टिट्यूट अपना मार्केट अपने धंधे में लग जाएगी लड़की थोड़े दिन दुखी रहेगी तड़पेगी रोएगी फिर धीरे-धीरे करके वहां उसको भूलने की कोशिश करेगी पर भूल नहीं पायेगी l लड़का है अपनी पश्चताप में जलेगा ....जलता रहेगा.....पर अपने आप को सच साबित नहीं कर पाएगा क्योंकि वह सच नहीं हैl छोटे यह क्यों हुआ वह कभी नहीं बता पाएगा देखा जाए तो रवि ने वहां से बहुत सारे वादे किए थे इतने वादे किए थे की माया ने कभी सोचा भी नहीं था कि रवि इतनी बातें कर सकता हैl उसे लगा था कि वह सारे वादे अपने निभाएगा सब कुछ निभाएगा पर जैसे ही रवि की जॉब लगी माया से दूर होने लगा उसे लगा कि नहीं अभी माया की जरूरत इतनी नहीं है उसे किनारे करता है फिर अपनी लाइफ को इंजॉय करते हैं तब से रवि लाइफ को इंजॉय करने लगा एंजॉय करने के चक्कर में इतना पड़ गया कि उसे माया का ध्यान ही नहीं रहा की माया उसके लिए कितनी बेताब रहती हैlउससे बात करने के लिए उससे मिलने के लिए,देखने के लिए,गले लगाने के लिए,कितनी बेताब रहती हैl पर रवि को इन बातों का असर नहीं है उल्टे बार उसे पर चिल्लाता लेकिन फिर भी माया ने रवि को प्यार करना नहीं छोड़ा था पर आज माया चाह कर भी रवि की तरफ मुड़ नहीं पा रही है क्योंकि रवि ने गलत किया ऐसी गलती मैं भी कर सकती थी माया ने खुद को हमेशा बचा कर रखा है खुद को रवि के लिए भी संभाल कर रखा है कि अगर उसने उसे मन से छुआ है सिर्फ रवि ही छोड़ सकेl मैंने सब कुछ मेंटेन किया...सब कुछl अगर नहीं मेंटेन रख पायी तो अपने संबंध को इसमें किसकी कमी कहना चाहिए...जिसे जो करना था उसने वह कियाl अब यह तीनों जिंदगियां बिखर चुकी है इसमें यही हो सकता है कि रवि और माया एक हो जाए पर एक होना यह इसे नहीं कर सकते क्यों शरीर एक नहीं होता है शरीर के साथ आत्मा भी एक होनी चाहिए जब दो की आत्मा एक हो जाए तब विवाह करना चाहिए क्यों नहीं करना चाहिए कि जबरन आप किसी रिश्ते में जुड़े रहे और उसे रिश्ते को ढूंढते रहे हैं आपको बाहर निकलने का रिश्ते की घुटन से बाहर निकलना हर एक बात का अधिकार हैlपर उसे व्यवहार में कितना लाना है यह एक लड़की को सोचना पड़ता है लड़की सब कुछ सोचती है सब कुछ जितना पुरुष कभी सोच नहीं सकता बस सब कुछ सोचता है आगे पीछे दाएं पे जहां जो घटना हुई है जहां जो घटना है जहां जो घट सकता है जहां जो सिचुएशन बन सकती है सब कुछ हर तरफ होने से तोड़ आएगी पर पुरुष ऐसा नहीं कर पाता माया ने किया ल माया रवि को इस तरह सम्भाल कर कहीं फेंक देना चाहती है कि ढूंढने से भी वह न मिले..... पर क्या माया रवि को और रवि माया को कभी भूल पाएंगे....?
Story- Moh
Dr Sangita
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